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धारा:- 233 उस साक्ष्य को काम में लाना, जिसका मिथ्या होना ज्ञात है

धारा:- 233 उस साक्ष्य को काम में लाना, जिसका मिथ्या होना ज्ञात है
काल्पनिक चित्र

भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 कि धारा:- 233

उस साक्ष्य को काम में लाना, जिसका मिथ्या होना ज्ञात है

जो कोई किसी साक्ष्य को, जिसका मिथ्या होना या गढ़ा होना वह जानता है, सच्चे या असली साक्ष्य के रूप में भ्रष्टतापूर्वक उपयोग में लाएगा, या उपयोग में लाने का प्रयत्न करेगा, वह ऐसे दण्डित किया जाएगा, मानो उसने मिथ्या साक्ष्य दिया हो या गढ़ा हो।


अपराध का वर्गीकरण

सजा:- वही जो मिथ्या साक्ष्य देने या गढ़ने के लिए है

अपराध:- असंज्ञेय

जमानत:- इसके अनुसार कि ऐसा साक्ष्य देने का अपराध जमानतीय है या अजमानतीय-उस न्यायालय द्वारा

विचारणीय:- जिसके द्वारा मिथ्या साक्ष्य देने या गढ़ने का अपराध विचारणीय है

अशमनीय:- अशमनीय का मतलब है, ऐसा अपराध जिसके लिए समझौता नहीं किया जा सकता. 



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